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Beete Lamhon Ki Yad Mein

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"कुछ लम्हात ऐसे हैं जिनको यादों में पिरोना आसान नहीं, तू ऐसा एक सवाल है जिसका मेरे पास भी जवाब नहीं। - श्रद्धा करुणा सागर सोचता हूँ कि बचपन ही अच्छा था, न तो चिंता थी न ही कोई फिक्र था। - वीरेन्द्र तोमर साहस को जगा के, स्मृतियां पिरो के।। कुछ याद में, साथ में, उस प्यार के एहसास में, की बीते लम्हों की धूप में या छांव में। रहेगा तू हमेशा हमारे प्यार में यादों की उस ऊंची लहरों की धार में।। - रजनीश राय तू नही है तो दिल अपने पास है ही कब , बेहिस है, तेरी खातिर उदास है ही कब। हमें रुलाएँ जो मोहताज़ हों यादों के तेरी, तेरे बदले हमें तेरी यादें रास हैं ही कब। - रणबीर सिंह बीते लम्हों की यादों में, बहुत कुछ छुपा रखा है । दौर -ए - वक्त ने भी हमें बहुत कुछ सिखा रखा है । - ✍️ज़माल रज़ा मंसूरी"

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ISBN: 978-93-5452-595-7 | Language: Hindi | Pages: 270
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