यह किताब सिरà¥à¤« लव पर आधारित नहीं है। यह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का मिशà¥à¤°à¤£ है जो वह अपने दैनिक जीवन में सोचता है चाहे वह उसके टूटे हà¥à¤ दिल के बारे में हो, उसके जीवन में तनाव, अपने पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के साथ तरà¥à¤•, अपने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के जीवन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कà¥à¤°à¥‹à¤§à¥¤ 38 कविता और पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कविता à¤à¤• तरह से या अनà¥à¤¯ है कि हमारा जीवन कैसा चल रहा है। यह वरà¥à¤£à¤¨ करता है कि हम अपने जीवन में खà¥à¤¶ हैं या दà¥à¤–ी हैं या अपना जीवन समापà¥à¤¤ करना चाहते हैं। ये कविता हमारे जैसे सामानà¥à¤¯ लोगों की मानसिकता के बारे में बताती है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पाठक अपने जीवन से संबंधित हो सकता है चाहे वह उनकी दोसà¥à¤¤à¥€, रिशà¥à¤¤à¥‡, करियर, परिवार, विवाह, बà¥à¤¢à¤¼à¤¾à¤ªà¥‡ आदि से संबंधित हो।
Kuch Lafz Aankahe
₹199.00Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat quo voluptas nulla pariatur erit qui in ea voluptate
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