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Alekhon se nikalti raahein

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"यह पुस्तक शिक्षा, संस्कृति, प्रकृति, विज्ञान और राष्ट्र के विकास पर आधारित है। शिक्षा, संस्कृति, प्रकृति, विज्ञान और राष्ट्र का विकास जीवन को बल देता है। यही बल आत्म बल कहलाता है। हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ भगवद्गीता में कहा गया है ""नायं आत्मा बल हीनेंन लभ्यः"" अर्थात यह आत्मा बलहीनो को नहीं प्राप्त होती है ।"

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ISBN: 9789390328321 | Language: Hindi | Pages: 136
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