यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• जो रà¥à¤¦à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है, माठऔर उसकी संतान का असिम पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥¤ जिसकी हम वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ नहीं कर सकते। यह किताब सरà¥à¤®à¤ªà¤¿à¤¤ है उन करोड़ों माताओं को। यह वो सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ और पà¥à¤°à¥‡à¤® है, जिसे बहà¥à¤¤ से लोग वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ नही कर पाते। मगर इस किताब के जरिये इन लेखकों की रचनाओं के जरिये। à¤à¤• समà¥à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ कर सकते हैं। अपनी माठके लिà¤à¥¤ इनमें मौजूद रचनाà¤à¤ पà¥à¤°à¥‡à¤® की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करती हैं। यह सिरà¥à¤« कहानीयां या कविताओं का संगà¥à¤°à¤¹ नहीं है। यह संगà¥à¤°à¤¹ है à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का। आखिर माठकि कमी कà¥à¤¯à¤¾ होती है? जिंदगी में उससे दूर रहने का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸à¥¤ à¤à¤• वकà¥à¤¤ जो बदल गया जिस माठके बिना हम à¤à¤• पल नहीं रह सकते थे ,अब कैसे हम उसे नजर अंदाज कर देते है? आशिरà¥à¤µà¤¾à¤¦ माठका कà¥à¤¯à¤¾ होता है? उसकी परवरिश à¤à¤• बेटी उसके आंगन में जब खेलती है। बस इनहि जिंदगी के पहलà¥à¤“ं को हमने अपनी इस किताब में उकेरा है। आशा करता हूठआप लोगो को पसंद आà¤à¤—ी ।
Purana Rishta
₹200.00Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat quo voluptas nulla pariatur erit qui in ea voluptate
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