"हमारी िंज़ंदगी में हम इतने गà¥à¤® से हो गठहैं िक मानों जैसे अपने बà¥à¥›à¥à¤—ोZं का होन े या ना होने का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ ही हमें ना रहा हो और िदन ब िदन हम उनसे दूर होते जा रहे हो। लेिकन हम dयों à¤à¥‚ल जाते हैं िक िंज़ंदगी का अनà¥à¤à¤µ उuहें हम से कई tयादा हैं। उनका जीवन के हर पड़ाव पर रोकना या टोकना हमारे िहत के िलठहोता हैं। इसी कहानी के मा/यम से मैंने मेरी परनानी के साथ मेरे िर’तें को दशाZने िक कोिंशश की हैं िक कैसे उनकी कà¥à¤› बातों से मेरी िंज़ंदगी आसान हà¥à¤ˆ हैं और उनके }ारा बताठगठजीवन के पाठपर कैसे मैंने अमल िकया। इस िंकताब के मा/यम से मैं आशा करती हूठिक आपको à¤à¥€ जीवन के कà¥à¤› अनकहें पहलू समठआà¤à¤à¤—े। मेरी परनानी à¤à¤• गृहणी होने के साथ ही टाईम मैनेजमेंट, मनी मैनेजमेंट और िंज़ंदगी में खà¥à¤¶ रहने िक कला में मािहर थी। मैं आशा करती हूठकी मेरी यह िंकताब आप लोगों को पसuद आà¤à¤—ी।"
Ji-bachpan ki humsafar
₹129.00Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat quo voluptas nulla pariatur erit qui in ea voluptate
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