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KHWAAB

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"बिना आत्मा के मनुष्य और ख़्वाब के बिना जीवन अधूरा है। यह ख़्वाब ही है जो हमें जिंदा रखता है, हर मुश्किल परिस्थिति में आगे बढ़ने की हिम्मत देता है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में ख़्वाब देखना चाहिए और जरूरी नहीं कि हर ख्वाब मुक्कमल हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे ख़्वाब का कोई अर्थ ही ना हो। ख़्वाब ही हमें हकीकत से जोड़े रखते है और जीवन में आगे बढ़ते रहने की उम्मीद देते है। बचपन में हर किसी का अपना एक सपना होता था जो अधूरा रह जाता था। हम जिंदगी की दौड़ में ऐसे भागे कि ख़्वाब तो बस एक ख़्वाब रह गया। अगर तुम अपना ख़्वाब पूरा नहीं कर पाए तो अफसोस ना करना। ज़िंदगी मौके जरूर देती है अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए। ख़्वाब कुछ ऐसे ही अनकहे सपनों के बारे में लिखी गई किताब है, जिसमें बेहतरीन लेखकों ने अपने दिल की बात कह दी है। इस किताब को पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि इस दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आपकी तरह सपने देखते हैं।"

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ISBN: 978-93-5452-450-9 | Language: English | Pages: 101
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" My books are marked down because most of them are marked with a on the edge by publishers. "

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