ज़िनà¥à¤¦à¤—ी! कà¥à¤¯à¤¾ है, जिंदगी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है? कैसी है? ज़िनà¥à¤¦à¤—ी से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ कई सवाल जब जहन में उठते हैं तो विचारों के सैलाब में मानव मन डूबने उतरने लगता है। ज़िनà¥à¤¦à¤—ी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सबका अलग-अलग नज़रिया इन रचनाओं में बखूबी सामने आया है। इस विविध रूपा सृषà¥à¤Ÿà¤¿ में मति à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मानव मन की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अतà¥à¤¯à¤‚त ही सटीक सहज à¤à¤µà¤‚ चिर परिचित सी लगती है।सà¤à¥€ कविगण इसके लिठबधाई के पातà¥à¤° हैं। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में खासतौर से सà¤à¥€ कविजनों की à¤à¤• ही विषय पर à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राय को जानना उसे संकलित संपादित करके पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° देना और उसे पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ कर जन-जन तक पहà¥à¤‚चाना à¤à¤• उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय उपलबà¥à¤§à¤¿ मानी जा सकती है। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• को आप तक पहà¥à¤‚चाने का विशेष शà¥à¤°à¥ƒà¤¯ नूपà¥à¤° बसॠà¤à¤µà¤‚ रंजना मजूमदार को जाता है। उनकी मेहनत और कोशिश को बहà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ साधà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤µà¤‚ उनके उजà¥à¤œà¤µà¤² à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की कामना करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बधाई देते हैं। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के शोà¤à¤¨à¥€à¤¯,पारीक कवि जनों जैसे वंदना घोष, दिलीप सिंह हरपà¥à¤°à¥€à¤¤, दà¥à¤·à¥à¤¯à¤‚त सिंह चौहान, महेंदà¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° साहू, पदमा पगारिया, पूनम हूं, राजेश कà¥à¤®à¤¾à¤° शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ, सोनिका गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ निमिष सिंह, उमंग सरीन, शैलेंदà¥à¤° ढडà¥à¤¢à¤¾, नीलम शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ, डॉ सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° à¤à¥‚टानी, à¤à¤µà¤‚ राजकà¥à¤®à¤¾à¤° बैरवा जी के सहयोग से यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का सृजन संà¤à¤µ हो पाया है।सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤“ं को बहà¥à¤¤-बहà¥à¤¤ बधाई। à¤à¤• ही विषय पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का दिगà¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करने के लिठसाधà¥à¤µà¤¾à¤¦à¥¤ à¤à¤µà¤‚ आशा करते हैं आपको इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में सà¤à¥€ कवियों की रचना बेहद पसंद आà¤à¤—ी धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥¤
Ferring Love
₹200.00Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat quo voluptas nulla pariatur erit qui in ea voluptate
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