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ek Guftagu Zindagi Se

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ज़िन्दगी! क्या है, जिंदगी, क्यों है? कैसी है? ज़िन्दगी से जुड़े कई सवाल जब जहन में उठते हैं तो विचारों के सैलाब में मानव मन डूबने उतरने लगता है। ज़िन्दगी के प्रति सबका अलग-अलग नज़रिया इन रचनाओं में बखूबी सामने आया है। इस विविध रूपा सृष्टि में मति भिन्न मानव मन की अभिव्यक्ति अत्यंत ही सटीक सहज एवं चिर परिचित सी लगती है।सभी कविगण इसके लिए बधाई के पात्र हैं। इस पुस्तक में खासतौर से सभी कविजनों की एक ही विषय पर भिन्न-भिन्न राय को जानना उसे संकलित संपादित करके पुस्तकार देना और उसे प्रकाशित कर जन-जन तक पहुंचाना एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा सकती है। इस पुस्तक को आप तक पहुंचाने का विशेष श्रृय नूपुर बसु एवं रंजना मजूमदार को जाता है। उनकी मेहनत और कोशिश को बहुत बहुत साधुवाद एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई देते हैं। इस पुस्तक के शोभनीय,पारीक कवि जनों जैसे वंदना घोष, दिलीप सिंह हरप्रीत, दुष्यंत सिंह चौहान, महेंद्र कुमार साहू, पदमा पगारिया, पूनम हूं, राजेश कुमार श्रीवास्तव, सोनिका गुप्ता, सुनीता निमिष सिंह, उमंग सरीन, शैलेंद्र ढड्ढा, नीलम श्रीवास्तव, डॉ सुरेंद्र भूटानी, एवं राजकुमार बैरवा जी के सहयोग से यह पुस्तक का सृजन संभव हो पाया है।सभी प्रतिभाओं को बहुत-बहुत बधाई। एक ही विषय पर विभिन्न दृष्टियों का दिग्दर्शन करने के लिए साधुवाद। एवं आशा करते हैं आपको इस पुस्तक में सभी कवियों की रचना बेहद पसंद आएगी धन्यवाद।

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ISBN: 978-93-90807-04-8 | Language: English | Pages: 117
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