Shyam sundar bansal bansal
"हर बार दà¥à¤ƒà¤–ो का हंसकर सामना करती है अपà"
शà¥à¤¯à¤¾à¤® सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° बंसल(जनà¥à¤®à¥§à¥¯à¥¯à¥, बंदापानी नामक गà¥à¤°à¤¾à¤®) à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ कवि और लेखक हैं जो सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ पर आधारित कविताठऔर कहानीया लिखते हैं ।और पेशे से à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ हैं बचपन से अपनी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ न कर पाने के कारण इनकी लेखन मे काफी रà¥à¤šà¤¿ रही और कविताओ के माधà¥à¤¯à¤® से अपनी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया।और इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ को उजागर करने में काफी रà¥à¤šà¤¿ रखते हैं। बचपन से ही शà¥à¤¯à¤¾à¤® अपने दादाजी राधे शà¥à¤¯à¤¾à¤® बंसल के पà¥à¤°à¤¿à¤¯ रहे हैं और उनकी दी गई सीख आज इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ करà¥à¤®à¤ और अति मेहनती इंसान बनाती हैं।